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दिन बचपन के किसी को ठीक से याद नहीं रहते !!
पर याद बचपन के दिनों को सब बहुत ठीक से करते हैं !!

वो बचपन था या सपना आज भी यकीन नहीं होता !!
उस दौर हक़ीक़त भी सपनों से हसीं हुआ करती थी !!

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बचपन का दौर था या बस एक लम्हा भर था !!
पलख झपकते ही न जाने हम कब इतने बड़े हो गए !!

सर पर ज़िम्मेदारियों का बोझ नहीं शरारतें सवार हुआ करती थी !!
वो दौर-ऐ बचपन भी कितना हसीं था !!

हसरतें हस्ती बनने की नहीं मस्ती करने की हुआ करती थी !!
उस दौर में मेरी उम्र यही कुछ 6 !!7 साल की हुआ करती थी !!

हर दिन तो नहीं याद मुझे बचपन का !!
पर यादें सारी मुझे याद है बचपन की !!

दुआ की थी बचपन में की जल्दी बड़ा हो जाऊं !!
आज सोचता हूँ !! न जाने क्या सोच कर मैंने वो दुआ की थी !!

छोटी-छोटी बातों पर हंस देना बस बचपन में आता है !!
बड़े क्या हो गए बस बड़ी-बड़ी बातों के मायने रह गए !!

बिना किस्से कहानी सुने नींद ना आना !!
माँ की गोद में थक हार कर सो जाना !!

रब से है एक ही कामना !!
काश लौट आए मेरा बचपना !!

Hindi Bf Shayari Hindi Mai | हिंदी बीएफ शायरी हिन्दी में

Bachpan Shayari In Hindi

वो बचपन तो कल ही आया था !!
जिसने हमें मुस्कुराना सिखाया था !!

झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे !!
हम !!ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम !!

हे ईश्वर मुझे मेरा बचपन लौटा दो !!
एक बार फिर से मुझे बच्चा बना दो !!

मेरी जिंदगी का वो बेहतरीन हिस्सा है !!
जिसमें मेरे रोने का किस्सा है !!

बचपना अब भी वही है हममें !!
बस ज़रूरतें बड़ी हो गयीं हैं !!

बचपन की दोस्ती थी बचपन का प्यार था !!
तू भूल गया तो क्या तू मेरे बचपन का यार था !!

किसने कहा नहीं आती वो बचपन वाली बारिश !!
तुम भूल गए हो शायद अब नाव बनानी कागज़ की !!

हँसते खेलते गुज़र जाये वैसी शाम नही आती !!
होंठो पे अब बचपन वाली मुस्कान नही आती !!

सारी उम्र कट जाती है तन्हाई और अकेलेपन में !!
ऐ दोस्त !!जिंदगी की असली खुशियाँ होती है बचपन में !!

देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में भी !!
ये वो आईना हैं जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नही होते !!

Bachpan Shayari

कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से !!
कहीं भी जाऊँ मेरे साथ साथ चलते हैं !!

बचपन की दोस्ती थी बचपन का प्यार था !!
तू भूल गया तो क्या तू मेरे बचपन का यार था !!

जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरह !!
मैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे !!

झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम !!
यह उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम !!

वो पूरी ज़िन्दगी रोटी कपड़ा मकान जुटाने में फस जाता है !!
अक्सर गरीबी के दलदल में बचपन का ख़्वाब धस जाता है !!

वक्त से पहले ही वो हमसे रूठ गयी है !!
बचपन की मासूमियत न जाने कहाँ छूट गयी है !!

बिना समझ के भी हम कितने सच्चे थे !!
वो भी क्या दिन थे जब हम बच्चे थे !!

शहर भर में मजदूर जैसे दर बदर कोई न था !!
जिसने सबका घर बनाया उसका घर कोई न था !!

एक इच्छा है भगवन मुझे सच्चा बना दो !!
लौटा दो मेरा बचपन मुझे बच्चा बना दो !!

नींद तो बचपन में आती थी !!
अब तो बस थक कर सो जाते है !!

Bachpan ki yaade

बचपन की कहानी थी बड़ी सुहानी !!
बचपन में रह जाता नहीं आनी थी जवानी !!

बचपन में न चिंता थी और न फिक्र !!
अब रहता है करियर का डर !!

वो दिन कितने अच्छे थे !!
जब हम बच्चे थे !!

बचपन की हंसी कहीं गुम हो गई है !!
शायद बड़े होने के सफर में पीछे रह गई है !!

बचपन की दोस्ती सच्ची थी !!
मतलब पता नहीं था पर अच्छी थी !!

बचपन के दोस्त आज भी साथ हैं !!
मेरे सभी दोस्त मेरे लिए खास हैं !!

मेरा पूरा दिन खेल में बीतता था !!
बचपन के दिनों को खुलकर जीता था !!

पिता के कंधों पर बैठकर गांव घूमा !!
बड़े होने पर बचपन को शहर की सड़को पर ढूंढा !!

Bachpan ki yaadein

अब वक्त आ चुका है !!
स्कूल की सुनहरी यादों में खोने का !!

बेल बजने से पहले स्कूल से निकलने के लिए तैयार हो जाते थे !!
मम्मी-पापा से पैसे लिए बिना स्कूल नहीं जाते थे !!

काश लौट आए बचपन के वो दिन !!
जब गुजरते थे मस्ती में पूरे दिन !!

बचपन का वो खिलखिलाना !!
दोस्तों से लड़ना रूठना मनाना !!

कौन कहता है कि मैं जिंदा नहीं !!
बस बचपन ही तो गया है बचपना नहीं !!

उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में !!
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते !!

धूप धूल मिट्टी हवा और पगडंडियां सबसे थी दोस्ती !!
ना कड़वाहट और ना फ़िक्र बचपन में अलग हीं थी हमारी हस्ती !!

रूठने पर भी भर पेट खाना खाते थे हम !!
छोटे थे लेकिन तब भी सयाने थे हम !!

ना गलतियों का बोझा ना दिल में कोई खीझ !!
वो बचपन था या थी कोई करिश्माई चीज !!

बड़े हो जाने का ये सबसे बड़ा नुकसान है !!
अब कहाँ मन भर सोना आसान है !!

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Bachpan shayari

बचपन का प्यार बोलो किसके दिल से दूर जाता है !!
लेकिन चंद लोगों को हीं उनके बचपन का प्यार मिल पाता है !!

ना मतलब की दोस्ती ना मतलब का प्यार !!
बचपन के दौर में था सिर्फ सच्चाई और प्यार !!

अजीब सौदागर है ये वक़्त भी !!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया !!

बचपन में बड़ा बेसब्र था बड़ा होने को !!
क्या करे काफी मासूम हुआ करते थे !!
हम बचपन के दिनों में !!

बचपन के दिन भी क्या खूब थे !!
सपने तब भी देखा करते थे !!
बस उन्हें पूरा करने का डर नहीं था !!

बचपन का वो दौर सबको प्यारा होता है !!
क्यूंकि बच्चे को कोई अपना दुश्मन नहीं !!
समझता वो सबका प्यारा होता है !!

अपने बचपन की तस्वीर की और देखा तो !!
सोचा क्या दौर था वो भी बचपन का !!
जब ना बाल बनाने आते थे ना बात बनानी आती थी !!

खेल के मतलब नहीं थे बस खेलना ज़रूरी था !!
ज़िन्दगी बचपन में कितनी आसान थी !!
जब इसे काटना नहीं जीना ज़रूरी था !!

ना जल्दी किसी बात की ना देर हुआ करती थी !!
वही वक़्त सही था बचपन का !!
जब हमे वक़्त तक देखना नहीं आता था !!

दम तो नहीं होता उन बचपन के नन्हे हाथों में !!
पर फिर भी ज़िद्द इतनी जी जान से पकड़ते हैं !!
की पूरी हो ही जाती है !!

Bachpan ki yade

कंधे की जिम्मेदारियों को बढ़ते देखा है !!
मैंने अपने अंदर के !!
बचपन को मरते देखा है !!

कितना पवित्र था वो बचपन का प्यार !!
ना भूख थी जिस्म की न था सम्पति का लालच !!
थी तो बस एक दूजे के साथ की चाहत !!

बचपन में कुछ ऐसी
होती थी हमारी मस्ती !!
जैसे बिन किनारे की कश्ती !!

जिंदगी में जब नहीं था !!
जिम्मेदारियों का एहसास !!
इसलिए तो वो बचपन था खास !!

ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर !!
बस अपनी ही धुन !!बस अपने सपनो का घर !!
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर !!

ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर !!
बस अपनी ही धुन !!बस अपने सपनो का घर !!
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर !!

जिम्मेदारियों ने वक्त से पहले !!
बड़ा कर दिया साहब !!
वरना बचपन हमको भी बहुत पसंद था !!

वो बचपन क्या था !!जब हम दो रुपए में !!
जेब भर लिया करते थे वो वक़्त ही क्या था !!
जब हम रोकर दर्द भूल जाया करते थे !!

कुछ यूं कमाल दिखा दे ऐ जिंदगी !!
वो बचपन ओर बचपन के दोस्तो !!
से मिला दे ऐ जिंदगी !!

किसी को अच्छा नहीं लगता था बचपन में स्कूल जाना !!
लेकिन अब तो बस याद आता है !!
स्कूल और बचपन का वो जमाना !!

Bachpan ka pyar boy name

जिम्मेदारियों ने वक्त से पहले !!
बड़ा कर दिया साहब !!
वरना बचपन हमको भी बहुत पसंद था !!

म्र के साथ ज्यादा कुछ नहीं बदलता !!
बस बचपन की ज़िद्द
समझौतों में बदल जाती है !!

कुछ यूं कमाल दिखा दे ऐ जिंदगी !!
वो बचपन ओर बचपन के दोस्तो !!
से मिला दे ऐ जिंदगी !!

आँख बंद होते ही खेलने के सपने और आँख खुलते ही !!
खेलने का ख्याल आता था !!
बस कुछ ऐसा ही बचपन था मेरा !!

बचपन की तो बात ही खास है !!
छिप-छिप कर पतंगे
उड़ाना आज भी याद है !!

जब भी बचपन याद आता है !!
मेरा मन एक बार फिर
से मचल जाता है !!

दादी-नानी की कहानी में
होता था परियों का फसाना !!
बचपन था हमारा खुशियों का खजाना !!

बड़े होने से मेरा मन डरता है !!
दिल के कोने में अभी भी !!
एक मासूम बच्चा है !!

वो बचपन ही था जब आँख मूँद कर !!
हर बात पर विशवास कर लिया करते थे !!
आज बड़े होने पर कितना भी !!
यक़ीन दिला लो किसी पर भरोसा नहीं होता !!

मुझे फिर से वो कल्पना के धागों से बने !!
कम्बल औढ़ा दे ऐ-ज़िन्दगी !!
या तो बचपन लौट जाए या
मुझे बचपन की और लौटा दे ऐ ज़िन्दगी !!

Chand Shayari In Hindi | चाँद शायरी

Pachpan in hindi

बहाना नहीं चाहिए होता था खुश होने का !!
ना रोने की कोई ठोस वजह होती थी !!
ना डांटता था कोई गलतियों पर मुझे !!
ना गलतियों की कोई ठोस सजा होती थी !!

वो बचपन भी क्या दिन थे मेरे !!
न फ़िक्र कोई न दर्द कोई !!
बस खेलो खाओ सो जाओ !!
बस इसके सिवा कुछ याद नही !!

मां का आंचल और पापा
के कंधों की याद सताती है !!
भले ही हो रहे हैं बड़े लेकिन !!
बचपन की याद अब भी आती है !!

आज भी याद है !!
वो बचपन का खिलखिलाना !!
जब होता था दोस्तों के !!
साथ रूठना-मनाना !!

फ़िजूल की बातों पर खूब जोर से हँसना !!
स्कूल जाने के नाम पर बुखार का चढ़ना !!
बड़ा ही याद आता है !! वो धुँधला-धुँधला सा दिन !!
कहाँ गया मुझे अकेला छोड़कर मेरा बचपना !!

मोहब्बत की महफ़िल !!
में आज मेरा ज़िक्र है !!
अभी तक याद हूँ !!
उसको खुदा का शुक्र है !!

एक दिन की बात हो !!
तो उसे भूल जाएँ हम !!
नाज़िल हों दिल पे
रोज बलाएँ तो क्या करें !!

कितने खुबसूरत हुआ करते थे !!
बचपन के वो दिन !!
सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से !!
दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी !!

मुस्कुरा कर रह जाता हूँ !!
जब भी याद आती है वो मस्ती !!
और जब भी याद आती है !!
विद्यालय की वो पुरानी बस्ती !!

अधूरा होमवर्क और स्कूल
ना जाने का बहाना !!
पापा का डांटना !!
और माँ का हमेशा बचाना !!

Bchpan quotes

यारों ने मेरे वास्ते क्या कुछ नहीं किया !!
सौ बार शुक्रिया अरे सौ बार शुक्रिया !!
बचपन तुम्हारे साथ गुज़ारा है दोस्तो !!
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तो !!

कहा भुल पाते है हम बचपन की बाते !!
सबको याद आती है वो बचपन की बरसाते !!
भीग जाते थे हम जब बारिशों में !!
याद आती है वो दोस्तो की मुलाकाते !!

बंधना-बंधाना पसंद ना था !!
सुनना-सुनाना पसंद ना था !!
हम कितनी भी बात मनवाले !!
कोई हमसे बात मनवाये पसंद ना था !!

सारी उम्र कट जाती है !!
तन्हाई और अकेलेपन में !!
ऐ दोस्त !!जिंदगी की असली !!
खुशियाँ होती है बचपन में !!

बचपन में किसी के पास घड़ी नही थी !!
मगर टाइम सभी के पास था !!
अब घड़ी हर एक के पास है !!
मगर टाइम नही है !!

बहुत खूबसूरत था !!
महसूस ही नहीं हुआ !!
कब कहां और कैसे
चला गया बचपन मेरा !!

बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे !!
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे !!
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता !!
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे !!

मुमकिन है हमें गाँव भी !!
पहचान न पाए !!
बचपन में ही हम घर
से कमाने निकल आए !!

कितने खुबसूरत हुआ करते थे !!
बचपन के वो दिन !!
सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से !!
दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी !!

कैसे भूलू बचपन की यादों को मैं !!
कहाँ उठा कर रखूं किसको दिखलाऊँ !!
संजो रखी है कब से कहीं बिखर ना जाए !!
अतीत की गठरी कहीं ठिठर ना जाये !!

Bachpan ki shayari

मुस्कुरा कर रह जाता हूँ !!
जब भी याद आती है वो मस्ती !!
और जब भी याद आती है !!
School की वो पुरानी बस्ती !!

अच्छाई-बुराई के बारे स्कूल में समझ आया !!
तभी आज मैं एक अच्छा इंसान बन पाया !!
किताबों से था मैंने दिल लगाया !!
अच्छे ज्ञान की वजह से कामयाब हो पाया !!

आसमान में उड़ती
एक पतंग दिखाई दी !!
आज फिर से मुझ को !!
मेरी बचपन दिखाई दी !!

ये दौलत भी ले लो !!ये शोहरत भी ले लो !!
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी !!
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन !!
वो कागज़ की कश्ती !!वो बारिश का पानी !!

इतनी चाहत तो लाखो
रुपए पाने की भी नहीं होती !!
जितनी बचपन की तस्वीर !!
देखकर बचपन में जाने की होती है !!

कहा भुल पाते है हम बचपन की बाते !!
सबको याद आती है वो बचपन की बरसाते !!
भीग जाते थे हम जब बारिशों में !!
याद आती है वो दोस्तो की मुलाकाते !!

जो सपने हमने बोए थे !!
नीम की ठंडी छाँवों में !!
कुछ पनघट पर छूट गए !!
कुछ काग़ज़ की नावों में !!

जो सपने हमने बोए थे
नीम की ठंडी छाँवों में !!
कुछ पनघट पर छूट गए !!
कुछ काग़ज़ की नावों में !!

यादे बचपन कि भूलती नहीं !!
सच्चाई से हमको मिलाती नहीं !!
जीना चाहते है हम बचपन फिर से !!
पर शरारतें बचपन कि अब हमे आती नहीं !!

बचपन में हर कोई इसलिए खुश होता है !!
क्योंकि माँ ही बच्चे की पूरी दुनिया होती है !!
जिंदगी बड़े ही अजीब तरह से बदल जाती है !!
जब उसी बच्चे के लिए इस दुनिया में एक माँ होती है !!

Masumiyat shayari

यारों ने मेरे वास्ते क्या कुछ नहीं किया !!
सौ बार शुक्रिया अरे सौ बार शुक्रिया !!
बचपन तुम्हारे साथ गुज़ारा है दोस्तो !!
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तो !!

बचपन भी क्या खूब था !!
जब शामें भी हुआ करती थी !!
अब तो सुबह के बाद !!
सीधा रात हो जाती है !!

कागज की कश्ती थी पानी का किनारा था !!
खेलने कि मस्ती थी दिल ये आवारा था !!
कहां आ गए समझदारी के दलदल में !!
वो नादान बचपन ही प्यारा था !!

बहुत शौक था बचपन में
दूसरों को खुश रखने का !!
बढ़ती उम्र के साथ !!
वो महँगा शौक भी छूट गया !!

साइकिल से स्कूल जाते हुए मस्ती करना !!
एक-दूसरे की साइकिल को खींचते हुए लड़ना !!
बहुत ही हसीन वक्त था वो भी !!
अब तो उन यारों से बहुत कम होता है मिलना !!

वो बचपन भी क्या दिन थे मेरे !!
न फ़िक्र कोई न दर्द कोई !!
बस खेलो खाओ सो जाओ !!
बस इसके सिवा कुछ याद नही !!

याद आता है वो बीता बचपन !!
जब खुशियाँ छोटी होती थी !!
बाग़ में तितली को पकड़ खुश होना !!
तारे तोड़ने जितनी ख़ुशी देता था !!

बचपन में स्कूल के टेबल को बजाना !!
टीचर के ना होने पर गाना गाना !!
इतना आसान नहीं है !!
उन हसीन लम्हों को भूल जाना !!

टेबल में कौन साथ बैठेगा !!
इस बात पर लड़ा करते थे !!
टीचर के सवाल का जवाब न देने पर !!
हाथ उठाकर खड़े हुआ करते थे !!

स्कूल में सब होम वर्क नकल करते थे !!
बेस्ट फ्रेंड के लिए दूसरे से लड़ते थे !!
स्कूल की लड़ाई दूसरे दिन भूल जाते थे !!
फिर सभी आपस में दोस्त बन जाते थे !!

Sabak Quotes In Hindi | सबक सिखाने वाली शायरी

Bachpan shayari in hindi

कभी-कभी स्कूल में मन नहीं लगता था !!
पर दोस्तों की वजह से स्कूल जाता था !!
स्कूल के दोस्तों के साथ ही मैं !!
खुद को हमेशा खुश पाता था !!

सुबह उठकर तैयार रहता था !!
स्कूल बस आने की राह देखता था !!
बचपन को मैंने अपने !!
काफी खुश रहकर जिया था !!

स्कूल से ही किताबों से दोस्ती है !!
सब कुछ किताबों से ही सीखा है !!
किताबों की मदद से ही मैंने !!
अपना नसीब खुद से लिखा है !!

साइकिल से स्कूल जाते हुए मस्ती करना !!
एक-दूसरे की साइकिल को खींचते हुए लड़ना !!
बहुत ही हसीन वक्त था वो भी !!
अब तो उन यारों से बहुत कम होता है मिलना !!

वो बचपन भी क्या दिन थे मेरे !!
ना फ़िक्र कोई ना दर्द कोई !!
बस खेलो खाओ सो जाओ !!
बस इसके सिवा कुछ याद नही !!

वो बचपन भी क्या दिन थे मेरे !!
ना फ़िक्र कोई ना दर्द कोई !!
बस खेलो खाओ सो जाओ !!
बस इसके सिवा कुछ याद नही !!

बचपन की दोस्ती थी !!
बचपन का प्यार था !!
तू भूल गया तो क्या !!
तू मेरे बचपन का यार था !!

वो पुरानी साईकिल वो पुराने दोस्त !!
जब भी मिलते है !!
वो मेरे गांव वाला पुराना बचपन
फिर नया हो जाता है !!

बचपन में किसी के पास घड़ी नही थी !!
मगर टाइम सभी के पास था !!
अब घड़ी हर एक के पास है !!
मगर टाइम नही है !!

बचपन में यारों की यारी ने !!
एक तोफ़ा भी क्या खूब दिया !!
उनकी बातों के चक्कर में पड़ !!
माँ बाप से भी कूट लिया !!

Yaad Shayari in Hindi | याद शायरी 2 लाइन

Bachpan ki yaadein images

बचपन भी बड़ा अजीब था !!
हर कोई जीवन में करीब था !!
क्या बात करूं उस जमाने की !!
हर रिश्ता खुद में अज़ीज़ था !!

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